लाल शाहबाज कलंदर की दरगाह खून में डुबी
Lal # shahbaz_qalander_shrine-bomb_Blast
जफर इकबाल
पाकिस्तान में दस वर्षों से अधिक समय से आतंकवादियों के खिलाफ सैन्य अभियान जारी है। लेकिन पाकिस्तानी सेना को इस ऑपरेशन का काम दिया गया है। अपनी सारी क्षमता के बावजूद और दुनिया की बेहतरीन सेनाओं में शुमार होने वाली सेना आतंकवादियों को खत्म करने में नाकाम रही। हर कुछ दिनों के बाद एक नया सिलसिला शुरू हो जाता है। ऐसा लगता है कि पाकिस्तान एक परमाणु देश न हो बल्कि कोई Banana State हो। जिसे हर कोई आसानी से निशाना बना लेता है। दस वर्षों से अधिक अरसे से पाकिस्तानी सेना के कई ऑपरेशन के बावजूद कोई पर्याप्त लाभ नहीं मिल सकी। दुनिया की कोई भी सेना का दस्ता कोई अभियान शुरू करता है तो अगर महीनीों में न सही लेकीन एक दो साल की अवधि में जरूर सफल हो जाती है। लेकिन पाकिस्तान का मामला पूरी तरह अलग है। पाकिस्तान की असली समस्या यह है कि वह अपने दुश्मन की पहचान ही नहीं कर सका। पाकिस्तान की सरकार और सेना जो खुद एक समानांतर सरकार चलाती है उसे पता ही नहीं है उसका दुश्मन कौन है। हम आपको बताते हैं कि असल मामला क्या है। सबसे पहले हम पाकिस्तान के दुश्मनों की सूची तय करते हैं जो क्रमश मोसाद, सीआईए और एमआई .6 आदि हैं, हम जब और हर संवेदनशील व्यक्ति उनके प्रदर्शन का निरीक्षण करता है तो उस पर यह बात प्रकट होती है कि इन सभी उपरोक्त एजेंसियों का एक विशेष लक्ष्य होता है। यानी वे विशेष दुश्मन पर निशाना बांधकर ही हमला करते है, आम जगहों पर हमला करना जिससे केवल आम आदमी मारे जाते है, यह सभी एजेंसियों की कोई परंपरा नहीं पहले कभी थी और न अब है। अाम आबादी को लक्ष्य बनाकर हमला करना ही चरमपंथी समूह का काम हैं जिन्हें सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और कतर जैसे देश फंडिंग कर रहे हैं। इन सल्फ़यों के निकट शिया और सूफी और बरेलवी काफ़िर हैं। उनके आम लोगों का मानना कि सभी लाेग काफिर हैं। जिन्हें मारना अचछा काम है। उनके बड़े लोग निजी महफील में खुलकर शिया, सूफी और बरेलवी को काफिर करार देते हैं बल्कि देवबंदी को भी काफ़िर करार देते हैं। अब देवबंदी से सल्फ़यों काे बहुत काम लेने हैं इसलिए दीबंदीों काे इस श्रेणी में नहीं रख रहे हैं। देवबंदी विचारधारा के लोग विशेष रूप से पाकिस्तान के देवबंदी विचारधारा के लोग सल्फ़यों के फ़रेब में आ चुके हैं। पाकिस्तान में हर हमले या तो शिया पर होता है या बरेलवी या सूफियों पर हो रहा है। इसके पीछे प्रेरणा देने वाले सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और कतर है, जब तक पाकिस्तान अपने दुश्मन को पहचान नही पाता तब तक वे शवों को उठाता रहेगा, अभी तक आम लोगों की मौत बारह चौदह वर्षों में एक लाख हो गई है और पंद्रह हजार से अधिक सैनिक मारे जा चुके हैं और बीसियों हजार सैनिक अपाहिज हो चुके हैं। उन्हें तब यह बात समझ में आएगी जब पाकिस्तान बहुत कुछ खो चुका होगा।
फोन: 9958361526
No comments:
Post a Comment