Tuesday, 23 August 2016

हम एक ऐसे आसमान के नीचे रहते हैं जहां अक्सर लोग ज़ालिम हैं

हम एक ऐसे आसमान  के नीचे रहते हैं जहां अक्सर लोग ज़ालिम हैं

#cow_shelter_in_Rajasthan#

मैं कल प्रसिद्ध टेलीविजन चैनल 'आज तक' पर राजस्थान के गउशाला की तस्वीरें देखें, इन तस्वीरों को देखकर मेरी रूह कांप गई। वह गउशाला नहीं तबाही का घर है या गैस चैंबर्स जैसी कोई जगह है, जहां गायें तिल तिल होकर मर रहे हैं। वह गाय जिसके लिए हमारे देश में दलितों और मुसलमानों को ज़लील व रुसवा ही नहीं बल्कि उनका खून बहाया जा रहा है। लेकिन गायें जो हमारे देशवासियों हिंदू अपनी माँ मानकर पूजा करते हैं। जो गाय की सुरक्षा के लिए जो गउशालो बनाए गए हैं। लेकीन इस गउशाल में गायों की जो हालत है हमारे लिए असहनीय है।  इस्लामी दुनिया के खलीफा राशिद द्वितीय उमर रज़ि का कहना है कि अगर कोई ऊँटनी हमारी शासन वाले देश में प्यासी मर जाए  इसके बारे में भी उम्र से पूछा जाएगा कि आप इस प्यासी ऊँटनी के लिए तालाब क्यों नहीं बनवाए। लेकिन यह क्रूर और बेहीस राष्ट्र और सरकार ने अत्याचार को चरम पर पहुंचा दिया। जो गायों की रक्षा के नाम पर सत्ता में आई लेकीन इन गायों को भारत के सबसे बड़े गउशाल में गायों के साथ जो हो रहा है वह असहनीय है। भारत में कैसे लोग और कैसी सरकार है जो इतना क्रूर हो सकती है, यह शर्म की बात है। इसकी जितनी भी निंदा की जाए कम है। हमें तो इन तस्वीरों को देखकर रूह कांप गई कि यह बे भाषा जानवर कैसे भूख और प्यास से तड़प कर मर रही है। यह आरएसएस के लोग कितने कपटी हैं और यहां की ज्यादातर आबादी भी पाखंडी है। वे इटली की बनी अच्छे चमड़े का जूता और बेल्ट भी इस्तेमाल करते हैं जो आमतौर पर गायों के चमड़े से तैयार किया जाता है। यह सब जानते हैं लेकीन इसके बावजुद हंगामा
करतें हैं।

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